हर बात में अहसास है अपनेपन का,
क्या मोहब्बत इसी का नाम है
बेख्याली में भी ख्याल आता है तेरा,
क्या मोहब्बत इसी का नाम है
सोचूँ तुझे तो भूल जाता हूँ खुद को भी,
क्या मोहब्बत इसी का नाम है
जो देखु खुद को आईने में, नज़र तू आये
क्या मोहब्बत इसी का नाम है
हवा चलती है तो लगता है तेरा पैगाम आया,
क्या मोहब्बत इसी का नाम है
तेरी तस्वीर देख बेवजह मुस्कुराने लगता हूँ,
क्या मोहब्बत इसी का नाम है..!!
2016-Mar-08
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